तिल त्वचा पर पाए जाने वाले बेहद आम, छोटे काले धब्बे होते हैं जो ज़्यादातर लोगों में होते हैं। हालांकि आमतौर पर ये हानिकारक नहीं होते हैं, कुछ तिलों को कॉस्मेटिक कारणों से हटाया जा सकता है या अगर वे त्वचा के कैंसर में बदलने के लक्षण दिखाते हैं। 

इस ब्लॉग में, हम तिल हटाने के बारे में हर उस चीज़ पर चर्चा करेंगे, जिसे आपको जानना चाहिए – इसे क्यों किया जा सकता है, प्रक्रिया में क्या शामिल है, ठीक होने का समय, भारत में लागत और देखभाल के टिप्स। जिद्दी तिलों को हटाने से आपकी उपस्थिति में सुधार हो सकता है और आपकी त्वचा के स्वास्थ्य के बारे में मन की शांति मिल सकती है। तिलों को हटाने से आपकी सुंदरता बढ़ सकती है और आपके मन को इस बात का सुकून मिल सकता है कि आपकी त्वचा स्वस्थ है।

तिल हटाने की सर्जरी क्या होती है? 

तिल हटाना ( Mole Removal Surgery) एक आसान आउट पेशेंट सर्जरी है जो एक त्वचा विशेषज्ञ द्वारा की जाती है। तिल को सुन्न कर दिया जाता है और फिर आकार, स्थान और दिखावट जैसे कारकों के आधार पर शेविंग करना, एक्साइजिंग करना, लेजर करना, फ्रीज करना और भी बहुत तरीकों में से किसी एक का उपयोग करके हटा दिया जाता है। घाव को बंद कर दिया जाता है और कम से कम निशान के साथ ठीक हो जाता है।

तिल क्यों हटाया जाता है?

तिल को हटाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं।  जिनमें से कुछ हैं:

ब्यूटी रिलेटेड रीजन  (Beauty-related reason): कुछ लोगों को अपने चेहरे या गर्दन पर तिल पसंद नहीं आते हैं, क्योंकि वे उन्हें बदसूरत लगते हैं। ऐसे मामलों में, लोग तिल को हटाने का विकल्प चुनते हैं।

मेडिकल रीजन (Medical reason): कुछ तिल कैंसर से जुड़े हो सकते हैं। ऐसे मामलों में, डॉक्टर तिल को हटाने की सलाह देते हैं ताकि कैंसर का खतरा कम किया जा सके।

डायग्नोस्टिक रीजन  (Diagnostic reason): डॉक्टर तिल की जांच करके त्वचा कैंसर या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगा सकते हैं। अगर डॉक्टर को लगता है कि तिल किसी गंभीर समस्या का संकेत है, तो वे इसे हटाने की सलाह दे सकते हैं।

तिल कई प्रकार के होते हैं:

सामान्य तिल (Benign Moles): ये छोटे तिल होते हैं जो जन्म से मौजूद हो सकते हैं या फिर उम्र बढ़ने पर आ सकते हैं। ये आमतौर पर हानिकारक नहीं होते हैं।

कन्जेनटलतिल (Congenital Moles):  ये बड़े तिल जन्म से ही होते हैं। इनमें कैंसर होने का ख़तरा ज्यादा होता है।

डिसप्लास्टिक तिल (Dysplastic Moles): इनका रंग और आकार असमान होता है। इनमें कैंसर का ख़तरा सबसे ज्यादा होता है।

कैंसरयुक्त तिल (Cancerous Moles):  जिनमें DNA को नुकसान हो चुका होता है और वे तेज़ी से बढ़ने लगते हैं।

इस तरह तिल को समझ कर और उन पर नज़र रख कर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

तिल हटाने के तरीके:

डॉक्टर तिल हटाने के लिए कई तरीके अपना सकते हैं:

सर्जिकल एक्सिशन (Surgical Excision) : तिल को आसपास के थोड़े से टिशू के साथ काटकर निकाल दिया जाता है। फिर उस जगह को टांके लगाकर बंद कर दिया जाता है।

शेविंग (Shaving): एक विशेष उपकरण उभरे हुए तिल के ऊपरी हिस्से को छील देता है। इससे बहुत कम निशान पड़ते हैं।

पंच बायोप्सी (Punch Biopsy) : एक उपकरण तिल को पूरी तरह से निकाल देता है। टांके लगाने की जरूरत नहीं होती है।

क्रायोथेरेपी (Cryotherapy) : लिक्विड नाइट्रोजन तिल की सेल्स को फ्रीज कर मार देता है। उस जगह पर पपड़ी बन जाती है और फिर वह ठीक हो जाती है।

रेडियोफ्रीक्वेंसी (Radiofrequency): हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो एक इलेक्ट्रोड के जरिए तिल को नष्ट कर देती हैं। टांके लगाने की जरूरत नहीं होती है।

लेजर (Laser) : लेजर की रोशनी तिल को नष्ट कर देती है। छोटे, सपाट तिल के लिए प्रभावी है। कई बार उपचार की जरुरत हो सकती है।

तिल हटाते समय क्या होता है?

  • डॉक्टर तिल की जांच करेंगे: ये सुनिश्चित करने के लिए कि ये कैंसर नहीं है, वो एक छोटा सा टुकड़ा लेकर टेस्ट कर सकते हैं।
  • तिल के आसपास सुन्न किया जाएगा: आपको इंजेक्शन लगाया जाएगा जिससे उस जगह को सुन्न कर दिया जाएगा। 
  • आपको दबाव महसूस हो सकता है, लेकिन दर्द नहीं होगा।
  • डॉक्टर आपके चुने हुए तरीके से तिल हटाएंगे: इसमें बस कुछ मिनट लगेंगे।
  • जरूरत हो तो जख्म को टांके लगाकर बंद कर दिया जाएगा और पट्टी बांधी जाएगी।
  • डॉक्टर आपको जख्म भरने और निशान हटाने के लिए सावधानी रखने के तरीके बताएंगे।

मस्सा हटाने के बाद की देखभाल

  • पट्टी 24-48 घंटे तक लगाए रखें: थोड़ा सा खून निकलना सामान्य है।
  • 1-2 हफ्तों में चोट लगना, सूजन और रेडनेस हो सकती है और ठीक हो सकती है: बर्फ लगाने से सूजन कम करने में मदद मिल सकती है।
  • यदि टांके लगाए गए हैं, तो उन्हें 7-14 दिनों में हटा दिए जाएंगे।
  • जख्म भरने तक धूप से बचें: ठीक होने के बाद उस जगह पर सनस्क्रीन लगाएं।
  • निशान कई महीनों में ठीक होते रहेंगे: आप निशान कम करने वाली क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • यदि आपको दर्द, ज्यादा खून बहना, मवाद या संक्रमण के अन्य लक्षण दिखें तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

तिल हटाने का खर्च

तिल हटाने का खर्चा आमतौर पर 3,000 रुपये से 10,000 रुपये तक होता है। असल में कीमत कई बातों पर निर्भर करती है, जैसे तिल का आकार, कहां है और हटाने के लिए कौनसा तरीका इस्तेमाल किया गया है। लेकिन ज़्यादातर मामलों में, मरीज़ों को इसी रेंज में एक किफायती कीमत चुकाकर अपना तिल सुरक्षित रूप से हटाने की उम्मीद करनी चाहिए।

अगर आपको तिल हटाने का ट्रीटमेंट (Mole Excision Treatment) करवाना है, तो आपको एक अच्छे अस्पताल में जाने की जरूरत है। रोहतक में Life Care Hospital मोल रिमूवल ट्रीटमेंट के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इस अस्पताल में तिल हटाने ट्की कीमत अन्य अस्पतालों की तुलना में काफी कम है और यहां डॉक्टर सुदेश जाले, जो डर्मटोलॉजिस्ट के रूप में काम कर रहे हैं, और उन्हें बहुत सालों का अच्छा अनुभव है। Life Care Hospital का मुख्य उद्देश्य मरीजों को किफायती इलाज प्रदान करना है।

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